Monday, May 13, 2019

मोहमद बौध

*मोहमद बौध*
ॐ गुरु ज़ी अल्लाह बिसमिल्लाह राम तो रहीम हें !
ॐ तो मोहमद हें ! 
शीश तो मस्जिद सिर तो मदार हें ! 
हाथ तो हज़रत पेट तो दोजख हें ! 
कदम रसूल हें पिंड तो पाक परवरदिगार हें ! 
अकल तो पीर हें मन मुराद हें तो तन शहीद हें ! 
क्रोध तो हराम हें लावा लतूरी सभी हरकत हें !
दो शब्द का करो विचार , कौन काफर कौन मुरदार ! 
हम नही काफर हम हें फकीर जा बेठे सरवर के तीर ! 
चोरी जारी दूर्मत से डरे जागते पुरुष की बंदगी करे ! 
लोग दूनी से लावे डाका क्यो कहे काफर , काफर सों कुमार्ग चाले !
अल्लाह खुदा का खौफ न माने ! 
लुखा कदमा पढ़े बथेरे ! 
साईं के नाम कुछ खर्चे न खाये ! 
रहे सदा काल के साये ! 
मुसलमान को मोहमद ने नस्सी बसायी , सिदक , सबूरी , कलमा पाक ! 
पड़ी न छोड़े खड़ी न खाय सों मुसलमान दो जख में जाय ! 
बाबा आदम की करनी , माई अमिया के पेट से मोहमद आये ! 
भगनी से मंखी पड़ी , जा विटाला बादशाह का खाना खाया ! 
सल्तनत बादशाह सन्मुख हुए ! 
हज़रत पर कलमा बाबा *रतन नाथ* जी ने सुनाया !
🌹🙏🌹 *आदेष आदेष*
महा योगी सिद्ध रतन नाथ जी महाराज
(बाबा हाजी पीर रतन नाथ जी )छठी सताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक 700 वर्ष आयु प्राप्त नाथ संत सिद्ध महात्मा । जिनका कर्म क्षेत्र  नेपाल -भारत से लेकर काबुल , कंधार , बलख ,बुखारा एवम् अरब तक था ।
आदेष 🙏आदेष 
नाथ सिद्ध योगीयो का योगमार्ग  युग युग जागे । 
*आदेष 😌आदेष*
ओर एक अटल बात

😌शिवगोरक्ष योगी सर्वोपरि😊

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