*मोहमद बौध*
ॐ गुरु ज़ी अल्लाह बिसमिल्लाह राम तो रहीम हें !
ॐ तो मोहमद हें !
शीश तो मस्जिद सिर तो मदार हें !
हाथ तो हज़रत पेट तो दोजख हें !
कदम रसूल हें पिंड तो पाक परवरदिगार हें !
अकल तो पीर हें मन मुराद हें तो तन शहीद हें !
क्रोध तो हराम हें लावा लतूरी सभी हरकत हें !
दो शब्द का करो विचार , कौन काफर कौन मुरदार !
हम नही काफर हम हें फकीर जा बेठे सरवर के तीर !
चोरी जारी दूर्मत से डरे जागते पुरुष की बंदगी करे !
लोग दूनी से लावे डाका क्यो कहे काफर , काफर सों कुमार्ग चाले !
अल्लाह खुदा का खौफ न माने !
लुखा कदमा पढ़े बथेरे !
साईं के नाम कुछ खर्चे न खाये !
रहे सदा काल के साये !
मुसलमान को मोहमद ने नस्सी बसायी , सिदक , सबूरी , कलमा पाक !
पड़ी न छोड़े खड़ी न खाय सों मुसलमान दो जख में जाय !
बाबा आदम की करनी , माई अमिया के पेट से मोहमद आये !
भगनी से मंखी पड़ी , जा विटाला बादशाह का खाना खाया !
सल्तनत बादशाह सन्मुख हुए !
हज़रत पर कलमा बाबा *रतन नाथ* जी ने सुनाया !
🌹🙏🌹 *आदेष आदेष*
महा योगी सिद्ध रतन नाथ जी महाराज
(बाबा हाजी पीर रतन नाथ जी )छठी सताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक 700 वर्ष आयु प्राप्त नाथ संत सिद्ध महात्मा । जिनका कर्म क्षेत्र नेपाल -भारत से लेकर काबुल , कंधार , बलख ,बुखारा एवम् अरब तक था ।
आदेष 🙏आदेष
नाथ सिद्ध योगीयो का योगमार्ग युग युग जागे ।
*आदेष 😌आदेष*
ओर एक अटल बात
😌शिवगोरक्ष योगी सर्वोपरि😊
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