Friday, March 8, 2019

अपने ऊपर तान्त्रिक प्रयोग का कैसे पता करें :

आचार्य डॉ0 विजय शंकर मिश्र (प्रशासनिक सेवा) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~:
अपने ऊपर तान्त्रिक प्रयोग का कैसे पता करें :

अक्सर लोग सोचते हैं की किसी ने उनपर कोई जादू टोना या तांत्रिक प्रयोग कर दी है तो आईये जानते हैं –

1) रात को सिरहाने एक लोटे मैं पानी भर कर रखे और इस पानी को गमले मैं लगे या बगीचे मैं लगे किसी छोटे पौधे मैं सुबह डाले । 3 दिन से एक सप्ताह मे वो पौधा सूख जायेगा है ।

2) रात्रि को सोते समय एक हरा नीम्बू तकिये के नीचे रखे और प्रार्थना करे कि जो भी नेगेटिव क्रिया हूई इस नीम्बू मैं समाहित हो जाये । सुबह उठने पर यदि नीम्बू मुरझाया या रंग काला पाया जाता है तो आप पर तांत्रिक क्रिया हुई है।

3) यदि बार बार घबराहट होने लगती है, पसीना सा आने लगता हैं, हाथ पैर शून्य से हो जाते है । डाक्टर के जांच मैं सभी रिपोर्ट नार्मल आती हैं।लेकिन अक्सर ऐसा होता रहता तो समझ लीजिये आप किसी तान्त्रिक क्रिया के शिकार हो गए है ।

4) आपके घर मैं अचानक अधिकतर बिल्ली,सांप, उल्लू, चमगादड़, भंवरा आदि घूमते दिखने लगे ,तो समझिये घर पर तांत्रिक क्रिया हो रही है।

5) आपको अचानक भूख लगती लेकिन खाते वक्त मन नही करता ।

6) भोजन मैं अक्सर बाल, या कंकड़ आने लगते है ।

7) घर मे सुबह या शाम मन्दिर का दीपक जलाते समय विवाद होने लगे या बच्चा रोने लगे ।

8) घर के मन्दिर मैं अचानक आग लग जाये ।

9) घर के किसी सदस्य की अचानक मौत ।

10) घर के सदस्यों की एक के बाद एक बीमार पढ़ना ।

11) घर के जानवर जैसे गाय, भैंस, कुत्ता अचानक मर जाना।

12) शरीर पर अचानक नीले रंग के निशान बन जाना ।

13) घर मे अचानक गन्दी बदबू आना ।

14) घर मैं ऐसा महसूस होना की कोई आसपास है ।

15) आपके चेहरे का रंग पीला पड़ना ये भी एक कारण हैं की जितना प्रबल तन्त्र प्रयोग होगा आपके मुह का रंग उतना ही पिला पड़ता जायेगा आप दिन प्रतिदिन अपने आपको कमज़ोर महसूस करेंगे।

16) आपके पहने नए कपड़े अचानक फट जाए, उस पर स्याही या अन्य कोई दाग लगने लग जाए, या जल जाए।

17) घर के अंदर या बाहर नीम्बू, सिंदूर, राई , हड्डी आदि सामग्री बार बार मिलने लगे।

18) चतुर्दशी या अमावस्या को घर के किसी भी सदस्य या आप अचानक बीमार हो जाये या चिड़चिड़ापन आने लग जाये ।

19) घर मैं रुकने का मन नही करे, घर मे आते ही भारीपन लगे,जब आप बाहर रहो तब ठीक लगे****** दशमहाविद्द्या माँ

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