🙏🏼  🙏🏼  🙏🏼 *ABHIYAN* 🙏🏼  🙏🏼  🙏🏼                                                                                   💪🏼                   एक प्रयास...
कुछ  लोग *हिन्दू धर्म व "रामायण" महाभारत "गीता"* को काल्पनिक दिखाने के लिए यह प्रश्न करते है कि जब आर्यभट्ट ने लगभग 6 वी शताब्दी मे (शून्य/जीरो) की खोज की तो  आर्यभट्ट की खोज से लगभग 5000 हजार वर्ष पहले *रामायण* मे रावण के 10 सिर की गिनती कैसे की गई !!!
और *महाभारत* मे कौरवो की 100 की संख्या की गिनीती कैसे की गई !!
जबकि उस समय लोग (जीरो) को जानते ही नही थे !!
तो लोगो ने गिनती को कैसे गिना !!!!
*अब मै इस प्रश्न का उत्तर  दे रहा हु !!*  👇👇👇
*कृपया इसे  पूरा  ध्यान से पढे*
आर्यभट्ट से पहले संसार  0(शुन्य) को नही जानता था !!
आर्यभट्ट ने ही (शुन्य / जीरो) की खोज की, यह एक सत्य है !!
लेकिन आर्यभट्ट ने "0( जीरो )"" की खोज *अंको मे* की  थी, *शब्दों* में खोज नहीं की थी, उससे पहले 0 (अंक को) शब्दो मे शुन्य कहा जाता था !!!
उस समय मे भी *हिन्दू धर्म ग्रंथो मे* जैसे *शिव पुराण,स्कन्द पुराण* आदि मे आकाश को *शुन्य* कहा गया है !!
*यहाँ पे" शुन्य का मतलव अनंत से होता है !!*
लेकिन *रामायण व महाभारत* काल मे गिनती अंको मे न होकर शब्दो मे होता था,और वह भी *संस्कृत* मे !!
उस समय *1,2,3,4,5,6,7,8, 9,10* अंक के स्थान पे *शब्दो* का प्रयोग होता था वह भी *संस्कृत* के शव्दो का प्रयोग  होता था  !!!
*जैसे* 👇👇👇
1  =   प्रथम
2  =   द्वितीय
3  =   तृतीय"
4  =   चतुर्थ
5  =   पंचम""
6   =   षष्टं"
7  =    सप्तम""
8  =   अष्टम""
9  =    नवंम""
10  =  दशम !!
*दशम  = दस*
यानी" दशम मे *दस* तो आ गया,लेकिन अंक का 
0 (जीरो/शुन्य ) नही आया,रावण को दशानन कहा जाता है !!
*दशानन मतलव  दश+आनन   =दश सिर वाला* 
अब देखो *वामपंथियों*
रावण के दस सिर की गिनती तो हो गई  !!
*लेकिन अंको का 0 (जीरो) नही आया !!*
इसी प्रकार *महाभारत काल* मे *संस्कृत* शब्द मे *कौरवो* की सौ की संख्या को *शत-शतम* ""बताया गया  !!
*शत्* एक संस्कृत का "शब्द है,
जिसका हिन्दी मे अर्थ सौ (100) होता है !!
*सौ(100) "को संस्कृत मे शत् कहते है !!*
*शत  = सौ*
इस प्रकार *महाभारत* काल मे कौरवो की संख्या गिनने मे सौ  हो गई !!
लेकिन इस गिनती मे भी *अंक का 00(डवल जीरो)* नही आया,और गिनती भी पूरी  हो गई !!!
*महाभारत धर्मग्रंथ में  कौरव की संख्या शत बताया गया है!*
               *रोमन मे भी*
 1-2-3-4-5-6-7-8-9-10 की
 जगह पे *(¡)''(¡¡)"""(¡¡¡)""*
पाँच को V कहा जाता है !!
दस को x कहा जाता है !!
रोमन मे x को"" दस कहा जाता है !!
X==  दस
इस रोमन  x मे""अंक का  (जीरो/0) नही आया !!
और हम" दश पढ "भी लिए
और" गिनती पूरी हो गई!!
इस प्रकार  रोमन word मे "कही 0 (जीरो) "नही आता है!!
और आप भी" रोमन मे""एक से लेकर  "सौ की गिनती "पढ लिख सकते है !!
आपको 0 या 00 लिखने की जरूरत भी नही पड़ती है !!
पहले के जमाने मे गिनती को *शब्दो मे* लिखा जाता था !!
उस समय अंको का ज्ञान नही था !!
जैसे *गीता,रामायण* मे 1"2"3"4"5"6 या बाकी पाठो (lesson ) को इस प्रकार पढा जाता है !!
                     *जैसे*
प्रथम अध्याय, द्वितीय अध्याय, पंचम अध्याय,दशम अध्याय... आदि   !!
इनके"" दशम अध्याय   '       मतलव 
दशवा पाठ (10 lesson) "" होता है  !!
दशम अध्याय= दसवा पाठ
इसमे *दश* शब्द तो "आ गया !!
लेकिन इस दश मे *अंको का 0* (जीरो)" का प्रयोग नही हुआ !!
बिना 0 आए पाठो (lesson) की गिनती दश  हो गई !!
हिन्दू बिरोधी और नास्तिक लोग सिर्फ अपने गलत कुतर्क द्वारा 
 *हिन्दू धर्म व हिन्दू धर्मग्रंथो को काल्पनिक साबित करना चाहते है !!*
जिससे हिन्दूओ के मन मे हिन्दू धर्म के प्रति नफरत भरकर और हिन्दू धर्म को  काल्पनिक साबित करके,हिन्दू समाज को अन्य धर्मों में परिवर्तित किया जाए !!!
लेकिन आज  का *हिन्दू समाज* अपने धार्मिक शिक्षा को ग्रहण ना करने के कारण इन लोगो के झुठ को सही मान बैठता है !!!
यह हमारे धर्म व संस्कृत के लिए हानि कारक है !!
*अपनी सभ्यता पहचाने,गर्व करे की हम भारतीय है।*
*🚩🌸जय श्री राम🌸🚩*
*🚩🚩जय हिंदुत्व🚩🚩💪🏼✊🏼🚩🚩*
 
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