लौह कुंड में हवन नहीं करना चाहिए।
लौह पात्र मे हवन करने से... धन पुत्रादि की हानि की संभावना बढ जाती है।
अगर हवन कुंड का निर्माण नहीं कर सकते तो ताम्र पात्र मे ही हवन करना चाहिए।
अपि ताम्रमयं प्रोक्तं कुण्डमत्र मनीषिभिः।।(स्मृतिसार ग्रंथ)
कुंडस्थण्डिलासंभवे पक्वमृण्मयपात्रकुंडाकृतिरहितताम्रादिपात्रमृण्मयपात्राणामप्यनुज्ञा गम्यते।
(संस्काररत्नमाला)
न चुल्ल्यां, नायसे पात्रे न भूमौ न च खर्परे।।
(देवी भागवत)
इसलिये भूलकर भी लौह कुंड मे हवन न करें।
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