||#लग्नेश_दशमेश_सम्बन्ध||
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लग्नेश और दशमेश यह दोनों ही भाव ऐसे भाव है जो जातक के जीवन में सबसे ज्यादा महत्व रखते है क्योंकि लग्न-लग्नेश जातक खुद है और दशम भाव-दशमेश जातक का कार्य छेत्र, प्रतिष्ठा, रोजगार आदि।जब लग्न का स्वामी और दसवे भाव का स्वामी आपस में सम्बन्ध बनाते है तब बहुत शानदार फल देते है क्योंकि यहाँ लग्नेश मतलब खुद जातक दशमेश जो कि कार्य छेत्र है से जुड़ जाता है जिस कारण से जातक को अपने कार्य छेत्र में और बनते कामो में जल्दी सफलता मिलती है।लग्नेश दशमेश सम्बन्ध वाले जातको को नोकरी/ व्यवसाय या यह कह रोजगार के लिए ज्यादा दिक्कते नही उठानी पड़ती न ही सफलता के लिए कोई ज्यादा प्रयास करना होता है कम प्रयास से भी ऐसे जातक अच्छी सफलता को हासिल कर लेते है।। अब प्रश्न यह भी है कि लग्नेश और दशमेश के सम्बन्ध में ग्रहो के बीच नैसर्गिक रूप से सम्बन्ध भी शुभ होना चाहिए।। जैसे:- मेष लग्न में मंगल लग्नेश और शनि दशमेश होता है शनि मंगल का सम्बन्ध संघर्ष कराता है तो मेष लग्न के लिए यह सम्बन्ध कुछ खास अच्छा नही होगा लेकिन शुभ ग्रहो गुरु शुक्र या युति या दृष्टि सम्बन्ध शनि मंगल सम्बन्ध से है तब यह सामान्य सही फल देता है संघर्ष कम कराएगा।वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर लग्न में लग्नेश दशमेश सम्बन्ध बहुत शुभ परिणामो को देगा।कुम्भ लग्न में मेष लग्न वाली स्थिति बनेगी क्योंकि यहाँ लग्नेश शनि और दशमेश मंगल होगा।मीन लग्न के लिए लग्नेश दशमेश दोनों गुरु होने से गुरु की स्थिति पर फल निर्भर करेंगे।। लग्नेश-दशमेश के सम्बन्ध में दोनों में से कोई अस्त, नीच राशि में(अगर नीचभंग न हुआ हो तब शुभ) पीड़ित या अशुभ योगो से युक्त नही होना चाहिए यदि ऐसी स्थितियां नही है तो निश्चित ही बहुत शानदार फल मिलेंगे। लग्नेश या दशमेश की महदशा-अन्तर्दशा में नाम और सम्मान बढ़ जाता है और अपने कार्य छेत्र कैरियर आदि में बहुत सफलता मिलती है।यदि लग्नेश दशमेश का सम्बन्ध दशमांश कुंडली में भी बन रहा हो तब सोने पर सुहागा जैसे फल मिलते है लग्न कुंडली और दशमांश कुंडली दोनों में लग्नेश दशमेश सम्बन्ध होने से दोहरी गति से फल मिलेंगे।दशमांश कुंडली में दशमांश लग्न के स्वामी और दशम भाव के स्वामी के बीच सम्बन्ध होने चाहिए।इस तरह से लग्नेश दशमेश सम्बन्ध बहुत ही शुभ फल देने वाला सम्बन्ध है।।📚🖊🙏🙌
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