भारत और इंडिया
में अंतर !!!!!!!
अंग्रेजो ने एक ऐसा इंडिया
का निर्माण किया जो भारत
से घृणा करता है,जिसके लिए
भारत की हर बात अंधविश्वास,
अवैज्ञानिकता,दकियानूसी सोच
और पिछड़ेपन का प्रतीक है,
जो इतनी अधिक हीन भावना
से ग्रस्त है कि उसके लिए
अमेरिका,यूरोप स्वर्ग है।
संविधान में bold अक्षरों
में लिख दिया,
"India that was Bharat"
भारत कहीं खो गया !😢
इंडिया की हर सोच प्रगति
की निशानी वहाँ के औरतों
के नंगेपन में उसे नारी स्वतंत्रता
का दर्शन होता है।
एक अवैज्ञानिक भाषा अंग्रेजी
उसे विश्वभाषा दिखाई देती है।
वहाँ का अज्ञान उसकी दृष्टि में
विज्ञान है।
इंडिया की क्रूरता में उसके
साहस और उसकी कायरता
में अहिंसा का दर्शन होता है।
इंडिया लूट से एकत्रित संपत्ति
की ओर न देख वह उसे एक
विकसित राष्ट्र कहता है।
अंग्रेज जाते जाते एक संधि के
अनुसार यहाँ के गाँधी-नेहरु को
सत्ता सौंप गए लेकिन विभाजन
से पीड़ित हमलोगोंको का ध्यान
इस ओंर नही गया।
अंग्रेजो के जाने को ही
हमने आजादी मान ली।
15 अगस्त 1947 से पहले
भारत अंग्रेजो का गुलाम था
और आज इंडिया का गुलाम है।
व्यक्ति हो या देश जब अपनी
प्रकृति का विरोध करने लगता
है,तो वह बीमार हो जाता है।
जब तक वह अपनी या देश की
प्रकृति को नहीं समझता स्वस्थ
नही हो सकता।
भारत ऋषि प्रधान राष्ट्र था;
ऋषि अर्थात जिन्होंने जड़
से ऊपर एक चेतन तत्त्व का
साक्षातकार किया था उनका
उद्देश्य शरीर की सीमा में अपने
आपको बांधने की प्रवृत्ति से
मनुष्य को मुक्त करना रहा।
भोग में डूबा व्यक्ति शरीर की
सीमा से मुक्त नही हो सकता,
इसलिए ऋषियों ने त्याग को
महत्व दिया और भोग की
निःसारता को समझ उसे
त्यागना ही उचित समझा।
भौगोलिक दृष्टि से भारत का
सम्बंध जितने भी देश से रहा
हो लेकिन भारत की संस्कृति
का प्रभाव पूरी दुनिया पर था।
भारत पर अंग्रेजों,मुगलों का
आक्रमण केवल एक देश का
दुसरे देश पर आक्रमण ही नही
था अपितु यह असुरों का ऋषि
संस्कृति पर आक्रमण था।
असुर अर्थात शरीर को ही
सब कुछ मानने वाले।
शरीर को ही सबकुछ मानने
से शरीर को भोगों से तृप्त करने
के लिए अधिक से अधिक भोग
जुटाना ही एक मात्र उद्देश्य रह
जाता है।
इसके लिए अधिक से अधिक
लोगों के अधिकार छीनना
अधिकाधिक को अपने वश
में करना बहुत बड़ा गुण मन
जाता है।
यह अत्यन्त स्वाभाविक है
की जहाँ त्याग की प्रवृत्ति वाले
अधिक हो वहाँ भोग की सामग्री
प्रचुर मात्रा में ही होगी इसलिए
भारत पर हमेशा से असुरों का
आक्रमण होता रहा और कई
बार असुरों का राज्य स्थापित
हो गया।
#इंडिया_असुरों_को_आदर्श
#मानने_वालों_का_देश_है।
रामायण का युद्ध सरल था
क्योंकि उसमे एक पक्ष में धर्म
था और एक पक्ष में अधर्म था
जबकि महाभारत का युद्ध
जटिल था।
उसमे दोनों पक्ष में अपने ही
प्रियजन थे।
आज भी यही स्थिति हमारी है,
आज भारत का युद्ध इंडिया से
है इसलिए यह युद्ध बहुत ही
जटिल है।
ब्रेनवाश होने और मेकाले की
शिक्षा गले में उतारने से बहुत
से युवा उस अंग्रेजो के बनाये
इंडिया के खेमे में है।
जयति पुण्य सनातन संस्कृति★
जयति पुण्य भूमि भारत★
सदा सर्वदासुमंगल★
जय भवानी★
जय श्री राम★
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