Sunday, February 17, 2019

एक वरदान...वृद्धावस्था

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*🌹एक वरदान...वृद्धावस्था🌹*
*वृद्धावस्था की स्थिति का वर्णन करते हुए कपिल भगवान कहते हैं कि-*
 *वृद्धावस्था सरस बनना चाहिए|*
       *आजकल लोग वृद्धावस्था को एक शाप मानते हैं, जबकि वृद्धावस्था तो दैवी उपहार (डिवाइन गिफ्ट) है:-*
 *आँखों से दिखाई नहीं देता तो अपने अन्दर झांक कर ईश्वर का दर्शन करना चाहिए|*
      *कानों से कुछ सुनाई नहीं देता तो कृष्ण की वंशी की मधुर आवाज़ सुननी चाहिए|*
            *जब दाँत उखड़ जाते हैं, तो मुख से बोलना कुछ चाहते हैं और निकलता कुछ और है,*
 *क्योंकि दाँतों के न होने से हवा निकल जाती है,*
              *अतः  कम बोलना चाहिए और मौन रहकर साधना करनी चाहिए|*
 *पैरों से चला नही जाता इसलिये एकांत में बैठकर ठाकुर का भजन करना चाहिए|* 
*कहने का अभिप्राय यह है, कि हमें सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए, क्योंकि ईश्वर के विधान के पीछे कोई न कोई हितपूर्ण कारण होता है|*
              *बाल्यावस्था में जैसे-जैसे जिन चीजों की आवश्यकता होती गई, मेरे ठाकुर देते जाते हैं और जब वृद्धवस्था में जरुरत नहीं है तो हटाते जाते हैं|*
 *यह ईश्वर की अनुकंपा है,*
          *यह ईश्वर का अनुग्रह है*
*हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।*
       *हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे ।।*
*🙏🌹राधे-राधे🌹🙏*
     *🙏🌹जय श्रीकृष्ण🌹🙏*
          *🙏🌹🙏*
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