कहा जाता है काल भैरव शिव का रूप हैं और इनकी पूजा करने से आपको भय नहीं सताता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो काल भैरव आपकी रक्षा करते हैं। अगर आप शनि, राहु जैसे पापी ग्रहों की वजह से परेशान हैं, गरीबी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है। किसी तरह की शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं से परेशान हैं तो आपको काल भैरव की प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव से काल भी डरता है।
भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव हैं।
शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव प्रकट हुए थे। इसलिए इसे काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा-अर्चना करता है उसके पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए जाने के पाप नष्ट हो जाते हैं। मृत्यु के बाद काल भैरव के भक्तों को भगवान शिव के पास जगह मिलती है। ऐसा भी माना जाता कि काल भैरव के भक्तों को शिवलोक में स्थान प्राप्त होता है। जिस व्यक्ति की मृत्यु काशी में होती है उसे यमदूत अपने साथ नहीं ले जाते। क्योंकि वहां पर यम का शासन नहीं चलता है।
काल भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर कोई भूत, पिशाच हावी नहीं हो सकता। काल अष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से वह प्रसन्न होते हैं। इन तरीकों से आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं।
1.काल भैरव अष्टमी के दिन रात के बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उनको नीले रंग के फूल चढाएं।
2. अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना को पूरा करना चाहते है तो इसके लिए आज के दिन किसी पुराने काल भैरव के मंदिर में जाकर वहां की साफ़ सफाई करे और काल भैरव को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं।
3. शनिवार के दिन रात में बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही और गुड़ का भोग लगाए।
4. आज के दिन अपने घर में काल भैरव यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करे।
गुप्त नवरात्रि के दिन आप काल भैरव की साधना करेंगे तो वह अधिक फलदायी होगी। कई बार ऐसा भी होता है कि यदि कोई साधक भगवान भैरव की साधना में अधिक लीन हो जाता है तो काल भैरव उस व्यक्ति के शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं। भगवान भैरव को अपने शरीर में बुलाने के लिए आयाहि भगवन रुद्रो भैरवः भैरवीपते। प्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।। मंत्र का जाप करें। इसके बाद संकल्प किया जाता है कि मैं काल भैरव को अपने शरीर में लाने का प्रयोग कर रहा हूं। काल भैरव की अराधना करने के लिए यदि ये मंत्र जपे जाते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी और काल भैरव भी खुश होंगे।
1.ॐ कालभैरवाय नमः।
2.ॐ भयहरणं च भैरवः।
3.ॐ हीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय हीं।
4.ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः।
5.ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।
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