Tuesday, January 29, 2019

जयति पुण्य सनातन संस्कृति

नमामि भक्त-वत्सलं,
कृपालु-शील-कोमलम्। 
भजामि ते पदाम्बुजं,
अकामिनां स्व-धामदम्।।

निकाम-श्याम-सुन्दरं,
भवाम्बु-नाथ मन्दरम्। 
प्रफुल्ल-कंज-लोचनं,
मदादि-दोष-मोचनम्।।

प्रलम्ब-बाहु-विक्रमं,
प्रभो·प्रमेय-वैभवम्। 
निषंग-चाप-सायकं,
धरं त्रिलोक-नायकम्।।

दिनेश-वंश-मण्डनम्,
महेश-चाप-खण्डनम्। 
मुनीन्द्र-सन्त-रंजनम्,
सुरारि-वृन्द-भंजनम्।।

मनोज-वैरि-वन्दितं,
अजादि-देव-सेवितम्। 
विशुद्ध-बोध-विग्रहं,
समस्त-दूषणापहम्।।

नमामि इन्दिरा-पतिं,
सुखाकरं सतां गतिम्। 
भजे स-शक्ति सानुजं,
शची-पति-प्रियानुजम्।।

त्वदंघ्रि-मूलं ये नरा:,
भजन्ति हीन-मत्सरा:। 
पतन्ति नो भवार्णवे,
वितर्क-वीचि-संकुले।।

विविक्त-वासिन: सदा,
भजन्ति मुक्तये मुदा। 
निरस्य इन्द्रियादिकं,
प्रयान्ति ते गतिं स्वकम्।।

तमेकमद्भुतं प्रभुं,
निरीहमीश्वरं विभुम्। 
जगद्-गुरूं च शाश्वतं,
तुरीयमेव केवलम्।।

भजामि भाव-वल्लभं,
कु-योगिनां सु-दुलर्भम्। 
स्वभक्त-कल्प-पादपं,
समं सु-सेव्यमन्हवम्।।

अनूप-रूप-भूपतिं,
नतोऽहमुर्विजा-पतिम्। 
प्रसीद मे नमामि ते,
पदाब्ज-भक्तिं देहि मे।।

पठन्ति से स्तवं इदं,
नराऽऽदरेण ते पदम्। 
व्रजन्ति नात्र संशयं,
त्वदीय-भक्ति-संयुता:।।

पुण्य भारत भूमि से सेकुलर
दानवों का नाश करो प्रभु
श्रीराम★★★

जयति पुण्य सनातन संस्कृति★
जयति पुण्य भूमि भारत★

सदा सर्वदा सुमङ्गल★
हर हर महादेव★
ॐ हनुमते नमः★
जय भवानी★
जय श्रीराम★

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