नमामि भक्त-वत्सलं,
कृपालु-शील-कोमलम्।
भजामि ते पदाम्बुजं,
अकामिनां स्व-धामदम्।।
निकाम-श्याम-सुन्दरं,
भवाम्बु-नाथ मन्दरम्।
प्रफुल्ल-कंज-लोचनं,
मदादि-दोष-मोचनम्।।
प्रलम्ब-बाहु-विक्रमं,
प्रभो·प्रमेय-वैभवम्।
निषंग-चाप-सायकं,
धरं त्रिलोक-नायकम्।।
दिनेश-वंश-मण्डनम्,
महेश-चाप-खण्डनम्।
मुनीन्द्र-सन्त-रंजनम्,
सुरारि-वृन्द-भंजनम्।।
मनोज-वैरि-वन्दितं,
अजादि-देव-सेवितम्।
विशुद्ध-बोध-विग्रहं,
समस्त-दूषणापहम्।।
नमामि इन्दिरा-पतिं,
सुखाकरं सतां गतिम्।
भजे स-शक्ति सानुजं,
शची-पति-प्रियानुजम्।।
त्वदंघ्रि-मूलं ये नरा:,
भजन्ति हीन-मत्सरा:।
पतन्ति नो भवार्णवे,
वितर्क-वीचि-संकुले।।
विविक्त-वासिन: सदा,
भजन्ति मुक्तये मुदा।
निरस्य इन्द्रियादिकं,
प्रयान्ति ते गतिं स्वकम्।।
तमेकमद्भुतं प्रभुं,
निरीहमीश्वरं विभुम्।
जगद्-गुरूं च शाश्वतं,
तुरीयमेव केवलम्।।
भजामि भाव-वल्लभं,
कु-योगिनां सु-दुलर्भम्।
स्वभक्त-कल्प-पादपं,
समं सु-सेव्यमन्हवम्।।
अनूप-रूप-भूपतिं,
नतोऽहमुर्विजा-पतिम्।
प्रसीद मे नमामि ते,
पदाब्ज-भक्तिं देहि मे।।
पठन्ति से स्तवं इदं,
नराऽऽदरेण ते पदम्।
व्रजन्ति नात्र संशयं,
त्वदीय-भक्ति-संयुता:।।
पुण्य भारत भूमि से सेकुलर
दानवों का नाश करो प्रभु
श्रीराम★★★
जयति पुण्य सनातन संस्कृति★
जयति पुण्य भूमि भारत★
सदा सर्वदा सुमङ्गल★
हर हर महादेव★
ॐ हनुमते नमः★
जय भवानी★
जय श्रीराम★
No comments:
Post a Comment
im writing under "Comment Form Message"