Tuesday, January 29, 2019

हिन्दू धर्म और स्त्रीया

इन 4 स्त्रियों का अपमान करने वाला पुरुष कभी नहीं रह पाता खुश, पूरी उम्र झेलनी पड़ती है दरिद्रता
हिन्दू धर्म 1/8
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हिन्दू धर्म
हिन्दू धर्म से स्त्री को स्वयं आदि शक्ति का स्वरूप माना गया है, उसके ओज की तुलना देवी दुर्गा से की गई है। सामान्य जीवन में भले ही स्त्री की महिमा को दरकिनार कर उसके प्रति अत्याचारों का सिलसिला प्रारंभ कर दिया गया हो, उसे कमजोर और अबला मानकर उसके अस्तित्व को पुरुषों के मुकाबले दोयम दर्जे का मान लिया गया हो|

स्त्रियों की महिमा 2/8
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स्त्रियों की महिमा
लेकिन हमारे पौराणिक ग्रंथों में स्त्रियों की महिमा का बखान कुछ अलग ही ढंग से किया है, जो बहुत लोगों के लिए अतिश्योति या अविश्वसनीय जैसा हो सकता है।

 जन्म देने का अधिकार 3/8
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जन्म देने का अधिकार
प्रकृत्ति ने केवल स्त्री को ही जन्म देने का अधिकार दिया है, यही बात उसकी महत्ता को बताने के लिए काफी है। लेकिन अफसोस तब होता है जब जन्म देने वाली इसी स्त्री को समाज में तरह-अतरह के लांछनों और अत्याचारों को सहन करना पड़ता है।

सम्मान की हकदार 4/8
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सम्मान की हकदार
यूं तो हर स्त्री सम्मान की हकदार है और इस बात में कोई दो राय नहीं, लेकिन रामाचरित मानस के अनुसार जो भी इन 4 स्त्रियों का असम्मान करता है, उनके प्रति दुर्व्यवहार रखता है वह जीवन में कभी खुश नहीं रह पाता। उसका जीवन दरिद्रता और तंगहाली में ही बीतता है।

बहु के स्वरूप में स्त्री 5/8
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बहु के स्वरूप में स्त्री
घर में नई बहु का आगमन बहुत शुभ माना जाता है, वह लक्ष्मी का स्वरूप होती है। लेकिन जो पुरुष अपने घर की बहु का सम्मान नहीं करता, उसके प्रति कड़वाहट रखता है या फिर ऐसा पुरुष जो अपने अपने घर की बहुत पर ही घृणित दृष्टि रखता है, वह कभी भी खुश नहीं रह सकता। उसका जीवन हमेशा मुश्किलों से घिरा रहता है।

भाई की पत्नी 6/8
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भाई की पत्नी
बड़े भाई की पत्नी का दर्जा मां समान होता है और जो व्यक्ति अपनी मां समान भाभी के साथ दुर्व्यवहार करता है वह किसी जानवर से कम नहीं है। वहीं छोटे भाई की पत्नी, बेटी समान होती है। दोनों के प्रति नकारात्मक धारणा रखना शास्त्रों की नजर से गलत है। यह आपके पापों में वृद्धि करता है।

बहन 7/8
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बहन
किसी भी पुरुष की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी बहन को अपनी मां के स्थान पर रखे। जितना सम्मान वह अपनी माता का करता है उतना ही सम्मान वह अपनी बहन का भी करें। अपनी छोटी सोच की वजह से बहन के साथ दुर्व्यवहार करना या फिर उसकी भावनाओं का असम्मान करना, ये दोनों ही कृत्य करने वाले व्यक्ति को ईश्वर कभी मांफ नहीं करता।

घर की बेटी 8/8
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घर की बेटी
चाहे वो बेटी आपके भाई की हो या बहन की... या घर की कोई अन्य बेटी ही क्यों ना हो.. जो पुरुष उसका असम्मान करता है, उसपर बुरी दृष्टि रखता है या उसके साथ मारपीट करता है तो वह कभी खुश नहीं रह सकता। ऐसे पुरुषों के जीवन में कभी भी प्रसन्नता नहीं आती, लक्ष्मी इनसे हमेशा दूर रहती हैं।

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