Tuesday, January 29, 2019

समस्या एवं वास्तु दोष

कुछ समस्याएं घर के वास्तु दोषों के कारण भी होती है। 
इन वास्तु दोषों को बहुत छोटे-छोटे उपाय कर दूर किया जा सकता है।

क्या हैं वह उपाय आइये जानते हैं?

जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहता है। इनमें से कुछ समस्याएं घर के वास्तु दोषों के कारण भी होती है। इन वास्तु दोषों को बहुत छोटे-छोटे उपाय कर दूर किया जा सकता है। ये उपाय न तो ज्यादा मंहगे हैं और न हीं इन्हें करने के लिए घर में तोड़-फोड़ की आवश्यकता होती है। आज हम आपको ऐसे ही छोटे-छोटे वास्तु उपायों के बारे में बता रहे हैं।

1-घर या दफ्तर में झाड़ू का जब उपयोग न हो रहा हो, तब उसे अपनी द्र्स्टी के सामने से हटा दें। 
यदि घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके चोखट पर बाहर की और घोड़े 
की नाल लगा देना चाहिए। इससे सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

2- वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में बांसुरी रखना बहुत शुभ माना गया है। 
कृष्ण की बांसुरी सम्मोहन, खुशी और आकर्षण का प्रतीक मानी गई है। मान्यता है कि बांसुरी में से वायु निकल कर नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। साथ ही, बांसुरी शांति व समृद्धि का प्रतीक है। घर के मुख्य द्वार के समीप बांसुरी अवश्य लगायें।

3- घर के उत्तर-पूर्व भाग में तुलसी, मनी प्लांट, चमेली जैसे पौधे गमले में लगायें। इससे भी घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

4- घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिये पूर्व दिशा में मिट्टी के एक छोटे से बर्तन में नमक भर कर रखें और हर चौबीस घंटे के बाद नमक बदल दें। अपने ऑफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी चाइनिस ड्रैगन की एक मूर्ति रखें। इससे ऊर्जा एवं उत्साह बना रहता है। कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है।

5- यदि आपके घर की पूर्व दिशा में कोई दोष रह गया हो और उसके कारण दुःख एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हो, तो उसे दूर करने के लिये पूर्व दिशा में सूर्य यंत्र की स्थापना करें तथा रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य की उपासना करें।

6- घर में जो घडिय़ां बंद पड़ी हों, उन्हें या तो घर से हटा दें या चालू करें। बंद घडिय़ां हानिकारक होती हैं। इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। घर के पूर्वोत्तर कोण में पानी की टंकी,तालाब या फव्वारा शुभ होता है। इसके पानी का बहाव घर की ओर होना चाहिये बाहर की ओर नही।

7- गुलाब, चंपा व चमेली के पौधे मानसिक तनाव व अवसाद में कमी लाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में इन पौधों को लगाना अच्छा एवं शुभ होता है।

8- दुकान या ऑफिस की तिजोरी के पास महालक्ष्मी, गणेश एंव कुबेर का चित्र लगायें। दुकान खुलते ही लक्ष्मीजी की पूजा करके ही अपनी गाद्दी पर बैठें।

9- वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर या पूर्व दिशा में घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है। 
इससे धन में लगातार बढ़ोतरी होती रहती है, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ये तिजोरी सामान्य रूप से सभी को दिखाई नहीं देनी चाहिये यानी किसी ऐसे स्थान पर इसे रखें जहां केवल घर वालों की ही पहुंच हो।

10- बेडरूम या शयनकक्ष के नैऋत्य कोण में टेराकोटा या चीनी मिट्टी के फूलदानों में सूरजमुखी के फूल लगाये जा सकते हैं। घर में सूरजमुखी का पौधा मन में उल्लास पैदा करता है।

11-घर की सुंदरता बढ़ाने के लिये मनी प्लांट्स लगाये जाते हैं। ये शुक्र और बुध ग्रह के कारक हैं। घर में मनी प्लांट लगाने से पति-पत्नी के संबंध मधुर होते हैं।

12- डाइनिंग हॉल की दीवारों पर फल-फूलों व प्राकृतिक दृश्यों के अच्छे चित्र लगाये जा सकते हैं।

13-यदि मंगल दोष के कारण विवाह में विलंब हो रहा हो तो विवाह योग्य कन्या या वर के कमरे के द्वार का रंग लाल अथवा गुलाबी रखें।

14- डाइनिंग हॉल की दीवारों का रंग हल्का व शांत व शीतलता प्रदान करने वाला हो। 
भारी सजावट करने से भी बचें।

15- स्वस्तिक, मंगल कलश, ॐ,लक्ष्मी चरण,या हल्दी लगे हाँथ आदि के मंगल चिन्हों के चित्र घर में अवश्य लगायें। इससे घर में सुख-शांति बढ़ती है।

16- घर के प्रत्येक कक्ष में एक बार प्रकाश जरूर करें अर्थात घर के प्रत्येक कमरे को दिन में भले ही कुछ क्षणों के लिये ही, किन्तु प्रकाशित अवश्य ही करें।

17- घर में नित्य ईश्वर का भजन-पूजन अवश्य होते रहना चाहिये। पूजा करने वाले सदैव पूर्वाभिमुख अथवा उत्तराभिमुख होकर पूजा करें। घर में घी का दीपक प्रतिदिन अवश्य जलायें।

18- प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा, सीता अशोक, आंवला, हरश्रृंगार, अमलतास, निर्गुण्डी इत्यादि में से कम से कम 2 पौधे अवश्य होने चाहिए। ये अमन एवं समृद्धिवर्द्धक हैं। कैक्टस का घर में होना अशांति देता है।

19- प्रत्येक घर में नित्य सुबह-सबेरे और संध्या के समय एक छोटा-सा गाय के गोबर से निर्मित कण्डा जलाकर उस पर मात्र 1 चुटकी भर चावल में घी मिलाकर डालना चाहिए। इस प्रयोग के नित्य करने से घर में आधि-व्याधियों का नाश होता है, घर की उन्नति होती है।

20- घर में टूटी-फूटी मशीनों को न रखें। जितनी जल्दी हो सके कोई भी टूटी हुई अथवा विकृत मशीन को चाहे वह छोटी हो अथवा बड़ी, घर से बाहर कर देना चाहिए। इनके घर में रहने से मानसिक तनाव तथा शारीरिक व्याधियां उस घर के रहवासियों को घेरती हैं।

21- घर में बनने वाले भोजन में से प्रत्येक प्रकार का थोड़ा-थोड़ा पदार्थ एक अलग प्लेट में भोजन बनाने वाली महिला पहले निकालकर हाथ जोड़कर वास्तुदेव को समर्पित करे और फिर घर के अन्य सदस्यों को भोजन कराएं। ऐसा करने से वास्तु देवता उस घर पर सदैव प्रसन्न रहते हैं। बाद में प्लेट में निकाला गया भोज्यपदार्थ गाय को खिला दें।

22- घर में कहीं भी झाड़ू को खड़ी करके नहीं रखना चाहिए। इसी प्रकार उसे न तो ऐसी जगह रखें जहां उसे पैर लगें या उसे लांघा जाता हो। ऐसा होने पर घर में बरकत की कमी होती है। धनागम के स्रोतों में कमी आती है।

23- जिस घर में भी एक पाए का पटिया रहता है वहां आर्थिक हानि एवं मानसिक तनाव होते हैं। अतः घर में ऐसा एक पाए का पाटा न रखें।

24- घर के ईशानकोण में यानि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कोई भी पालतू जानवर न बांधें। कुत्ते, मुर्गे एवं भैंसों के संबंध में तो और भी सावधान रहें, अन्यथा घर में परेशानियां बढती जायेंगी।

25-घर पूजाघर में तीन गणेश प्रतिमा की पूजा नहीं होनी चाहिये तीन होने पर एक को कहीं और रख दें या फिर उसमें से एक को विसर्जित कर दें अन्यथा उस घर में अशांति बनी रहती है। इसी प्रकार तीन देवियाँ और दो शंख का एक साथ पूजन भी अशुभ होता है।
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