*हरितालिका(तीज व्रत)*
भाद्रपदमास के शुक्लपक्ष तृतीया को हरितालिका (तीज व्रत) सौभाग्यवती स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। तिथियों के स्वामी में *तृतीया तिथि की स्वामी गौरी* तथा *चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश* है।
इस वर्ष संवत 2076 सन 2019 में हरितालिका (तीज व्रत) को मनाने के सम्बन्ध में विवाद उत्पन्न हो गया है। कुछ पञ्चाङ्ग के अनुसार यह 1 सितम्बर रविवार को तो कुछ पञ्चाङ्ग के अनुसार यह 2 सितम्बर सोमवार को होगा।
*पञ्चाङ्गो में तृतीया तिथि का मान* -------
*हरिहर श्री हृषिकेश पञ्चाङ्ग* में तथा कुछ अन्य प्रमुख पञ्चाङ्गो में
1 सितम्बर रविवार को सूर्योदय 5।44 है द्वितीया युक्त तृतीया का प्रारंभ 14 घटी 3 पल (दिन में 11 घंटा 21 मिनट) है
तथा
2 सितम्बर सोमवार को सूर्योदय 5।45 है तथा तृतीया का मान 8 घटी 10 पल (दिन में 9 घंटा 1 मिनट) तक है पश्चात चतुर्थी तिथि प्राप्त है।
तथा
देशान्तर भेद तथा गणित भेद से कुछ प्रमुख पञ्चाङ्गो में
1 सितम्बर रविवार को द्वितीया युक्त तृतीया का प्रारंभ दिन में 8 घंटा 27 मिनट है।
तथा
2 सितम्बर सोमवार को तृतीया का मान रात्रि शेष में 4 घंटा 57 मिनट तक है।(अर्थात सूर्योदय से स्पर्श न होने से तृतीया की हानि है।)
*विवाद का विषय क्या है* -
पञ्चाङ्गो के गणित भेद से तिथियों के समय में भी भेद हो जाता है। जिसका प्रभाव हमारे व्रत व त्यौहारों के मनाने के दिन पर पड़ता है। कुछ पञ्चाङ्गो के अनुसार तृतीया की हानि हो जा रही है तथा मकरन्दीय पद्धति पञ्चाङ्गो के अनुसार चतुर्थी तिथि की हानि हो रही है।
अतः इस कारण से हरितालिका (तीज व्रत) को मनाने के सम्बन्ध में विवाद हो गया है।
धर्मशास्त्र का कथन
_तत्र मुहूर्त मात्रा ततो न्यूनापि परा ग्राह्या।_
अर्थात मुहूर्त मात्र(स्वल्प)भी तृतीया तिथि यदि चतुर्थी तिथि से युक्त हो तो तृतीया युक्त चतुर्थी ही फलप्रद है। 2 सितम्बर सोमवार को तृतीया युक्त चतुर्थी है।
द्वितीया तिथि युक्त तृतीया में तीज व्रत को करने का निषेध है।
1 सितम्बर रविवार को द्वितीया तिथि युक्त तृतीया है जिसमे तीज व्रत करने का निषेध है।
क्योकि तृतीया तिथि की स्वामी गौरी तथा चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश है।विष्णु धर्मोत्तर, आपस्तम्ब,स्कन्द पुराण, कालमाधव ने भी गौरी व्रतों में चतुर्थी तिथि से युक्त मुहूर्त मात्र तृतीया तिथि को ही स्वीकार किया है।
अतः 2 सितंबर 2019 सोमवार को ही हरितालिका (तीज व्रत) किया जायेगा। तथा इस दिन मध्याह्न में चतुर्थी प्राप्त हो जाने से वैनायकीश्री गणेश चतुर्थी व्रत भी आज ही होगा।
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