*प्रार्थना*
यह घटना जयपुर के एक वरिष्ठ डॉक्टर की आपबीती है, जिसने उनका जीवन बदल दिया। वह ह्रदय रोग विशेषज्ञ हैं। उनके अनुसार --
एक दिन मेरे पास एक दंपत्ति अपनी छः साल की बच्ची को लेकर आए। निरीक्षण के बाद पता चला कि उसके ह्रदय में रक्त संचार बहुत कम हो चुका है !
मैंने अपने साथी डाक्टर से विचार करने के बाद उस दंपत्ति से कहा -- 30% संभावना है बचने की ! दिल को खोलकर ओपन हार्ट सर्जरी के बाद, नहीं तो बच्ची के पास सिर्फ तीन महीने का समय है !
माता पिता भावुक हो कर बोले- डाक्टर साहब, इकलौती बिटिया है- ऑपरेशन के अलावा और कोई चारा ही नहीं है, आप ऑपरेशन की तैयारी किजिए !
सर्जरी के पांच दिन पहले बच्ची को भर्ती कर लिया गया ! बच्ची मुझ से बहुत घुलमिल चुकी थी, बहुत प्यारी बातें करती थी !
_उसकी माँ को प्रार्थना में अटूट विश्वास था। वह सुबह शाम बच्ची को यही कहती, बेटी घबराना नहीं। भगवान बच्चों के ह्रदय में रहते हैं ! वह तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे !
सर्जरी के दिन मैंने उस बच्ची से कहा, बेटी चिन्ता न करना, ऑपरेशन के बाद आप बिल्कुल ठीक हो जाओगे !
बच्ची ने कहा -- _*डाक्टर अंकल मैं बिलकुल नहीं डर रही क्योंकि मेरे ह्रदय में भगवान रहते हैं, पर आप जब मेरा हार्ट ओपन करोगे तो देखकर बताना भगवान कैसे दिखते हैं !*_
मै उसकी बात पर मुस्कुरा उठा !
ऑपरेशन के दौरान पता चल गया कि कुछ नहीं हो सकता, बच्ची को बचाना असंभव है, दिल में खून का एक कतरा भी नहीं आ रहा था !
निराश होकर मैंने अपनी साथी डाक्टर से वापिस दिल को स्टिच करने का आदेश दिया !
_*तभी मुझे बच्ची की आखिरी बात याद आई और मैं अपने रक्त भरे हाथों को जोड़ कर प्रार्थना करने लगा- हे ईश्वर! मेरा सारा अनुभव तो इस बच्ची को बचाने में असमर्थ है, पर यदि आप इसके हृदय में विराजमान हो तो आप ही कुछ कीजिए ! मेरी आंखों से आंसू टपक पड़े। यह मेरी पहली अश्रु पूर्ण प्रार्थना थी। इसी बीच मेरे जूनियर डॉक्टर ने मुझे कोहनी मारी। मैं चमत्कार में विश्वास नहीं करता था पर मैं स्तब्ध हो गया यह देखकर कि दिल में रक्त संचार पुनः शुरू हो गया !*_
_मेरे 60 साल के जीवन काल में ऐसा पहली बार हुआ था ! आपरेशन सफल तो हो गया पर मेरा जीवन बदल गया!_
_*मैंने बच्ची से कहा। बेटा हृदय में भगवान दिखे तो नहीं पर यह अनुभव हो गया कि वे हृदय में मौजूद हर पल रहते है !*_
*इस घटना के बाद मैंने अपने आपरेशन थियेटर में प्रार्थना का नियम निभाना शुरू किया। मैं यह अनुरोध करता हूं कि सभी को अपने बच्चों में प्रार्थना का संस्कार डालना ही चाहिए ... !!
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