श्री एम ने कहा -
अपने लक्ष्य काग़ज़ पर लिखें। हर रात सोने से पहले, मंत्र की भांति उस काग़ज़ को बार-बार पढ़ें। काग़ज़ को तकिये के नीचे रख कर सो जाएँ। सच मानें, यदि आप आप अपने लक्ष्य के प्रति गंभीरता से समर्पित हैं, तो आपका मन, ऐसा कोई ना कोई तरीका निकाल ही लेगा जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति बन सकती है जो आपको आपका लक्ष्य सिद्ध करने में मदद् कर सके। यह सत्य इसलिए है क्योंकि कल्पना शक्ति एक दिव्य देन है।
श्री एम ने कहा -
मन के एकाग्रचित्त व व्याकुलता मुक्त रहने के लिए कौन से तरीके हैं? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए, पातंजलि ने योगसूत्र में कहा है - केवल एक तरीका है! कोई सरल राह है ही नहीं - 'निरंतर दीर्घकाल अभ्यासेनः' अर्थार्थ, 'लंबे समय तक केवल अभ्यास, अभ्यास और अभ्यास'। अपने संकल्पों को कार्यान्वित करने का भी यही एक तरीका है; मन से नकारात्मकता हटाकर उसे स्पष्ट करने की विधि भी यही है।
श्री एम ने कहा -
स्वस्थ मन के बिना, शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता। कम मात्रा मे खाना व उपयुक्त व्यायाम, स्वस्थ शरीर का आधार हैं।
श्री एम ने कहा -
भारत में, घुमन्तू गुरू को परिव्राजक कहते हैं - ऐसा व्यक्ति, जो सत्य की खोज में लगातार पैदल चलता जाता है। सत्य के दर्शन हो जाने पर, उस गुरू को उसे द्वार-द्वार ले जाना होता है।
श्री एम ने कहा -
मन में उत्साह बना रहना चाहिए - परिणाम व उम्र की परवाह किये बिना। बहुत से तरीके हैं जिनसे ऐसा संभव है। सबसे पहले तो यह गाँठ बाँध लें कि आप ख़ुद को अंदर से कभी बूढ़ा नहीं मानेंगें। यह हुई सबसे ज़रूरी बात। उसके उपरान्त आप क्रमशः आगे बढ़ें। जीवन को खुले मन से देखें; सचेत रहें, स्फूर्तिमान बने रहें।
श्री एम म्हणतात:
एकटे असणे म्हणजे एकम्, स्वत: मध्ये, एकामध्ये सर्वत्वाचा अनुभव होणे होय. मला तो इंग्रजी शब्द अलोन, ऑल वन, (म्हणजे सर्व जग एक, आपल्यात समावलेलं) म्हणायला आवडतो. सर्व एक. जेव्हा आपण एकटे, स्वत:बरोबर, असतो तेव्हा संपूर्ण विश्वच आपल्यामध्ये सामावलेलं असल्यासारखे आहे.
🙏🌸🌼📿🌼🌸🙏
No comments:
Post a Comment
im writing under "Comment Form Message"