हरड़ के स्वास्थ्य लाभ
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हरड़ के नाम से तो हम सब बचपन से ही परिचित हैं। इसके पेड़ पूरे भारत में पाये जाते हैं। इसका रंग काला व पीला होता है तथा इसका स्वाद खट्टा,मीठा और कसैला होता है। आयुर्वेदिक मतानुसार हरड़ में पाँचों रस -मधुर ,तीखा ,कड़ुवा,कसैला और अम्ल पाये जाते हैं। वैज्ञानिक मतानुसार हरड़ की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इसके फल में चेब्यूलिनिक एसिड ३०%,टैनिन एसिड ३०-४५%,गैलिक एसिड,ग्लाइकोसाइड्स,राल और रंजक पदार्थ पाये जाते हैं। ग्लाइकोसाइड्स कब्ज़ दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये तत्व शरीर के सभी अंगों से अनावश्यक पदार्थों को निकालकर प्राकृतिक दशा में नियमित करते हैं, यह अति उपयोगी है।
हरड़ के लाभ
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१- हरड़ के टुकड़ों को चबाकर खाने से भूख बढ़ती है।
२- छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर प्रतिदिन ३ बार लगाने से मुहं के छाले नष्ट हो जाते हैं, इसको आप रात को भोजन के बाद भी चूंस सकते हैं।
३- छोटी हरड़ को पानी में भिगो दें, रात को खाना खाने के बाद चबा चबा कर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस कम हो जाती है।
४- कच्चे हरड़ के फलों को पीसकर चटनी बना लें। एक -एक चम्मच की मात्रा में तीन बार इस चटनी के सेवन से पतले दस्त बंद हो जाते हैं।
५- हरड़ का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दो किशमिश के साथ लेने से अम्लपित्त (एसिडिटी ) ठीक हो जाती है।
६- हरीतकी चूर्ण सुबह शाम काले नमक के साथ खाने से कफ ख़त्म हो जाता है।
७- हरड़ को पीसकर उसमे शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।
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